जिस दौर में अभिनेत्रियां सलवार सूट पहनकर हिंदी फिल्मों में काम करती थीं, उस वक्त परवीन बाबी ने अपने बोल्ड अंदाज से धूम मचा दी थी। उनकी गिनती 70 के दशक की उन अभिनेत्रियों में होती है जिन्होंने अपने ग्लैमर से लोगों के होश उड़ा दिए। परवीन ने अपनी खूबसूरती और अभिनय के दम पर लंबे समय तक हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया। 20 जनवरी 2005 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। आज उनकी पुण्यतिथि पर हम आपको बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ बातें.
परवीन बाबी का जन्म 4 अप्रैल 1949 को सौराष्ट्र के जूनागढ़ में एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। सेंट जेवियर्स कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में बीए पूरा करने के बाद, उन्होंने मॉडलिंग की ओर रुख किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात फिल्म डायरेक्टर बीआर इशारा से हुई। कहा जाता है कि परवीन बाबी को सिगरेट सूंघते देखकर बीआर इशारा ने फैसला किया कि वह उनकी फिल्म की हीरोइन होंगी। बीआर इशारा ने पहली बार परवीन बाबी को 1973 में क्रिकेटर सलीम दुर्रानी के साथ फिल्म ‘चरित्र’ में मौका दिया। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर तो कमाल नहीं कर पाई, लेकिन दर्शकों पर परवीन बाबी का जादू चला।
बॉलीवुड में खुद को स्थापित करने के बाद परवीन का नाम सबसे पहले डैनी डैनजोंगपा के साथ जुड़ा। हालांकि, उनका रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चला। इसके बाद उनकी जिंदगी में कबीर बेदी आए। दोनों एक दूसरे को खूब पसंद करने लगे। लंबे लिव-इन में रहने के बाद दोनों अलग हो गए। इसके बाद परवीन की जिंदगी में महेश भट्ट की एंट्री हुई। दोनों तीन साल से रिलेशनशिप में थे। ऐसा कहा जाता है कि परवीन बाबी को महेश के साथ अपने रिश्ते के दौरान पैरानॉयड स्किज़ोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी हो गई थी।
इस बीमारी के चलते उन्होंने अमिताभ पर कई गंभीर आरोप लगाए। 22 जनवरी 2005 को परवीन बाबी अपने घर में मृत पाई गई थीं। उसके घर के बाहर तीन दिनों तक अखबार और दूध के पैकेट पड़े मिले, उसके पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलने के बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर अभिनेत्री का शव मिला। कहा जाता है कि परवीन का अकेलापन ही उनकी मौत की वजह बना।