


बॉलीवुड के किंग खान की कमबैक फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है. शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘पठान’ का देशभर में विरोध हो रहा है। उनके गाने ‘बेशरम रंग’ ने सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक में खलबली मचा दी, हिंदू संगठनों ने भी इसका विरोध किया। ‘पठान’ को लेकर जहां हिंदू संगठन पहले ही अपना गुस्सा जाहिर कर चुके हैं, वहीं अब मध्य प्रदेश में उलेमा बोर्ड ने भी फिल्म और गाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। बोर्ड ने पठान फिल्म का बहिष्कार किया और इसे रिलीज ना करने की मांग की है।
मप्र उलेमा बोर्ड ने ‘पठान’ का किया कड़ा विरोध
मध्य प्रदेश उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अनस अली ने बयान देकर शाहरुख खान और दीपिका की फिल्म ‘पठान’ के खिलाफ अपना विरोध जताया है. इस बयान में सैयद अनस अली ने कहा, ‘फिल्म का नाम पठान है, जिसमें शाहरुख खान हीरो हैं, लोग उन्हें देखते हैं, उन्हें पसंद करते हैं. लेकिन हमें कई हलकों से कॉल और शिकायतें मिली हैं कि फिल्म अश्लीलता फैला रही है और इस्लाम को गलत तरीके से पेश कर रही है। वह यहीं नहीं रुके और आगे कहा, ‘ऑल इंडिया मुस्लिम फेस्टिवल कमेटी ने इस फिल्म पर स्टैंड लिया है और फिल्म का बहिष्कार किया है। हम सरकार के लोगों, यहां तक कि जवानों से भी अपील करते हैं कि इस फिल्म को न देखें। फिल्म को बिल्कुल भी रिलीज नहीं होना चाहिए था। ऐसे में हम इस फैसले में उनके साथ खड़े हैं।
सेंसर बोर्ड से अपील
उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अनस अली ने भी कहा, ‘यह हमारा अधिकार है। अगर कोई हमारे इस्लाम, हमारे धर्म को इस तरह पेश करेगा तो हम उससे समझौता नहीं करेंगे। अगर कोई इस्लाम को गलत तरीके से पेश करता है, तो यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने धर्म का सही तरीका पेश करें। सेंसर बोर्ड से अपील करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं सेंसर बोर्ड से पुरजोर अपील करता हूं और भारत के सभी सिनेमाघरों से कहना चाहता हूं कि इस फिल्म को कहीं भी अनुमति न दें। इससे गलत संदेश जाएगा, शांति भंग होगी और इस देश के सभी मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी और हमारा मज़ाक बनेगा। मैं सभी से अपील करता हूं कि इस फिल्म को बिल्कुल भी न देखें।
शाहरुख खान ने साधा निशाना
उलेमा ने शाहरुख खान के मुस्लिम होने पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘अभिनेता खुद को शाहरुख खान कहते हैं और शाहरुख खान बनकर पठान फिल्में बनाते हैं। इस्लाम और मुसलमानों का मजाक उड़ाने वाली ऐसी फिल्मों का भी विरोध होना चाहिए। पठान एक उच्च सम्मानित समुदाय हैं, लेकिन उन्हें फिल्म में बहुत गलत तरीके से चित्रित किया गया है। मैं हज कमेटी को सलाह देता हूं कि अब से शाहरुख खान को उमराह के लिए भी वीजा नहीं दिया जाना चाहिए।