


मनोरंजन न्यूज़ डेस्क, ऑस्कर विजेता एआर रहमान आज यानी 6 जनवरी को अपना 56वां जन्मदिन मना रहे हैं. हिंदी परिवार में जन्मे इस संगीत निर्देशक का नाम उनके माता-पिता ने ‘दिलीप चंद्रशेखर’ रखा था, फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने धर्म के साथ-साथ नाम भी बदल लिया। तो आइए आज विस्तार से जानते हैं कि भारतीय फिल्मों के इतने महान संगीतकार और गीतकार को अपनी पहचान क्यों बदलनी पड़ी।
विरासत में मिला संगीत
रहमान को संगीत विरासत में मिला है। उनके पिता आरके शेखर मलयालम फिल्मों के मशहूर म्यूजिक अरेंजर थे। वह अपने पिता के साथ म्यूजिक स्टूडियो में घंटों बिताया करते थे। इस दौरान उन्होंने कई वाद्य यंत्र बजाना भी सीखा। उनके जीवन में तूफान तब आया जब अचानक एक दिन उनके सिर से पिता का साया उठ गया। कच्ची उम्र के इस सदमे ने उन्हें और उनके परिवार को बुरी तरह तोड़ दिया। घर की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी।
रहमान की आधिकारिक जीवनी ‘नोट्स ऑफ ए ड्रीम’ में खुलासा हुआ है कि जीवन के उस बुरे दौर में उनकी बहन को एक गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया था, डॉक्टरों का इलाज भी काम नहीं कर रहा था। फिर दिलीप शेखर की माँ एक मुस्लिम फकीर से मिली, फकीर की दुआ से रहमान की बहन ठीक हो गई, उसके बाद रहमान की फकीर, दरगाह और इस्लाम में आस्था बढ़ गई।
मुस्लिम धर्म अपनाया
दिलीप ने भी तय कर लिया था कि अब वह ईश्वर की राह पर चलेंगे। 1989 में, 23 साल की उम्र में, उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया और नया नाम रहमान रख लिया। रहमान के फैसले से मां बहुत खुश हुई और अपने नाम के साथ अल्लाह जोड़ना चाहती थी। तो माँ का मन रखकर रहमान हो गया, अल्लाह रहमान रखता है।